हरियाणा में हर्षवर्धनकाल।हर्षवर्धन का साम्राज्य

हर्षवर्धन का साम्राज्य
हर्षवर्धन का साम्राज्य
 हर्षवर्धन का साम्राज्य

1. हर्षवर्धन का जन्म 590 ईसवी में जून के महीने में रविवार को हुआ। हर्षवर्धन की माता का नाम यशोमति था जो पति की मृत्यु पर उसके साथ सती हो गई थी। हर्षवर्धन जिस समय राजा बना था उस समय उसकी आयु मात्र 15 वर्ष थी।

2. हर्षवर्धन के बड़े भाई का नाम राज्यवर्धन था तथा छोटी बहन का नाम राजश्री था उसका विवाह कन्नौज के शासक गृहवर्मा से हुआ था। हर्षवर्धन ने बहन की मृत्यु के बाद कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया 641 ईवी मे।

3. 633 ईसवी में उसने वल्लभी के शासक ध्रुवसेन को पराजित किया परंतु उसके व्यवहार से प्रसन्न होकर उसने अपनी पुत्री का विवाह उसके साथ किया।

4. 634 ईस्वी में हर्षवर्धन को नर्मदा नदी के किनारे पर पुलकेशिन के हाथों प्रथम व अंतिम हार का सामना करना पड़ा।

5. नेपाल और कश्मीर भी हर्षवर्धन के राज्य का हिस्सा थे उसकी अंतिम विजय 634 ईस्वी में गंजाम प्रदेश की थी।

6. हर्षवर्धन का विशाल राज्य है हिमाचल से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी तक पूर्व में कामरूप से लेकर पश्चिम में पंजाब तक तथा अरब सागर तक फैला हुआ था।

7. बंगाल, बिहार, मालवा, वल्लभी, कन्नौज, हरियाणा, पंजाब, सिंध, कश्मीर वह नेपाल उसके राज्य के अंतर्गत आते थे।

8. प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग 336 ईसवी में 644 तक हरष के साथ रहा। उसके प्रभाव में आकर उसने बौद्ध धर्म की महायान शाखा को अपनाया था। 643ई.में प्रयाग सम्मेलन में हर्ष ने अपना सब दान में दिया था

9. हर्षवर्धन के मामा के पुत्र तथा मित्र 'भंडी' उसका प्रधानमंत्री, सिंहनाद उसका सेनापति, अवंती युद्ध व विदेशी कार्यों का मंत्री तथा चंद्रगुप्त व कन्तक सेना मंत्री थे। हर्ष के शासनकाल मे ग्राम के मुखिया को ग्रामिक कहा जाता था।

10. हर्षवर्धन का राजस्व चार भागों में बटा हुआ था सरकारी कार्य, वेतन, प्रजाहित व दान पर खर्च किया जाता था।

11. हर्षवर्धन के फारस व चीन के शासकों के साथ अच्छे संबंध थे तथा वे परस्पर एक दूसरे को उपहार भेजते थे।

12. हर्षवर्धन ने तीन नाटकों की रचना की थी रत्नावली, नागानंद, व प्रियदर्शिका




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