हरियाणा के प्रमुख नृत्य|Main dance of Haryana |
1. धमाल नृत्य-: हरियाणा के सबसे लोकप्रिय नृत्यओं में से एक धमाल नृत्य पुरुषों द्वारा चांदनी रात में खुले मैदान पर बीनों खंजरी,तुम्बे घड़वे, खड़ताल, ढोलक, व बांसुरी की धुन पर किया जाता है। यह महेन्द्रगढ़ व झज्जर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।
2. फाग नृत्य-: होली से लगभग 2 सप्ताह पूर्व महिलाओं द्वारा रात्रि के समय किया जाता है कई जगह पुरुषों द्वारा भी किया जाता है।
3. मंजीरा नृत्य-: नक्कारों (नगाड़ों), ड्फ व मंजीरो के साथ यह नृत्य विशेष रूप से मेवात में किया जाता है|
4. तीज का नृत्य-: तीज त्यौहार के अवसर पर किया जाने वाला नृत्य व गायन।
5. छड़ी का नृत्य-: यह नृत्य हरियाणवी पुरुषों द्वारा भादो माह के नवमी के दिन गोगा पीर की पूजा के बाद किया जाता है।
6. छठ नृत्य-: शिशु के जन्म पर रात्रि को स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।
7. घोड़ी नृत्य-: घोड़े का प्रतीक रूपी मुखोंटा पहनकर विवाह-शादी के अवसर पर किया जाने वाला नृत्य।
8. गोगा नृत्य-: यह नृत्य भाद्रपद मास में गोगा नवमी के पर्व पर गोगा पीर के भक्तों द्वारा सारंगी की ताल पर किया जाता है।
9. खोड़िया नृत्य-: विवाह के अवसर पर बारात चढ़ने के बाद महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य।
10. सांग नृत्य-: यह नृत्य सांग के दौरान दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए सांगी के सहयोगी कलाकारों द्वारा किया जाता है। वीर रस प्रधान यह नृत्य लगभग 1730ई. के आसपास शुरू हुआ था।
11. रास नृत्य-: इस नृत्य का संबंध श्री कृष्ण की रास लीलाओं से जुड़ा हुआ है। इसमें तांडव पुरुष प्रधान नृत्य तथा लास्य स्त्री प्रधान नृत्य होता है। यह नृत्य होड़ल, पलवल तथा बल्लभगढ़ में अधिक लोकप्रिय है।
12. डफ नृत्य-: रस प्रधान वाला यह नृत्य 'ढ़ोल नृत्य' के नाम से भी जाना जाता है। इसका आयोजन बसंत ऋतु पर किया जाता है। यह नृत्य पहली बार 1969 ईसवी में पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में प्रस्तुत किया गया था।
13. रतवाई नृत्य-: मेवात का यह प्रसिद्ध नृत्य वर्षा ऋतु में स्त्री व पुरुषों द्वारा सामूहिक रुप से किया जाता है।
14. खेड़ा नृत्य-: हरियाणा में बुजुर्ग की मृत्यु के समय किया जाने वाला यह नृत्य जींद, नरवाना, कैथल, करनाल आदि क्षेत्रों में ज्यादा प्रचलित है।
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